प्रथम स्तर – ज्योतिष की नींव
ज्योतिष का इतिहास व महत्व
सौरमंडल और नवग्रह परिचय
12 राशियाँ, 27 नक्षत्र और 12 भावों की मूल जानकारी
कुंडली बनाना व पढ़ना (जन्मपत्रिका की रचना)
पंचांग की समझ – तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण
द्वितीय स्तर – ग्रहों का व्यवहार और फल
ग्रहों की दृष्टियाँ और प्रभाव
उच्च-नीच, मित्र-शत्रु ग्रह
ग्रहों की दशा व अंतरदशा
शुभ-अशुभ योग (राजयोग, कालसर्प योग, ग्रहण योग इत्यादि)
तृतीय स्तर – कुंडली विश्लेषण और भविष्य कथन
लग्न कुंडली, चंद्र कुंडली, नवांश कुंडली का अध्ययन
विवाह, शिक्षा, करियर, संतान, स्वास्थ्य से संबंधित विश्लेषण
प्रश्न कुण्डली, चगण/दशा गणना
गोचर फल – वर्तमान ग्रहों की स्थिति से भविष्य जानना
चतुर्थ स्तर – व्यावहारिक ज्योतिष व उपाय
रत्न चयन एवं धारण विधि
यंत्र, मंत्र, तंत्र और उनके प्रयोग
विशेष उपाय व शांति प्रक्रिया
व्यावसायिक ज्योतिष अभ्यास