सामवेद, जैमिनी शाखा
आचार्य
सामवेद – जैमिनीय शाखा "स्वर में वेद, देवताओं के गान का सजीव स्वरूप!" सामवेद, वेदों का गानमय हृदय है — जहाँ ऋचाएँ संगीत बन जाती हैं, और मंत्र देवताओं की स्तुति में सुर बनकर बहते हैं। जैमिनीय शाखा सामवेद की प्रमुख शाखाओं में से एक है, जिसमें वैदिक ज्ञान, स्वर, और भक्ति का समन्वय देखने को मिलता है। यह शाखा विशेष रूप से यज्ञीय संगीत, सूक्ष्म उच्चारण, और अनुष्ठानिक गरिमा के लिए प्रसिद्ध है।