कृष्ण यजुर्वेद घनपाठ
आचार्य
कृष्ण यजुर्वेद घनपाठ वैदिक परंपरा की एक अत्यंत समृद्ध शाखा है, जिसमें मंत्रों का उच्चारण अत्यंत विशिष्ट लय, क्रम, और गहनता से किया जाता है। 'घनपाठ' का अर्थ है – मंत्रों का गहन एवं बारंबार पाठ, जिसमें जटा, क्रम, विकृति आदि विधियाँ समाहित होती हैं। यह पाठ विद्यार्थियों को न केवल स्मरण शक्ति, अपार एकाग्रता और उच्चारण की शुद्धता प्रदान करता है, बल्कि उन्हें वेदों की ऊर्जा और आध्यात्मिकता से भी जोड़ता है।